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   यहां आने और हमारी पोस्ट पढ़ने में रूचि रखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपका समर्थन मुझे प्रेरित करता है। हमारा प्रयास इस Website   के माध्यम से आप तक हिंदी की कविताओं को पहुंचना और आपको आपको हिंदी काव्य  का रसास्वाद करवाना है।

 
 मेरा नाम महेश  कुमार  मीना  है, और में वैसे तो Science Student हूँ। परन्तु हिंदी से खासा लगाव होने के कारण कविताएँ पढ़ते सुनते कब स्वयं कवी बन गया पता ही नहीं चला। इस ही तरह पोस्ट पढ़ते रहिए आपको हर विषय पर कविताएँ  मिलती  रहेगी।

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तेरा साथ हो ( Tera Sath Ho ) | Love Poetry in Hindi

कट जायेंगे ये रस्ते सभी , गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो कुछ मिले ना मिले इस जहां में मुझे , मगर मुझकों तो बस तेरा साथ हो जीने को तो यु ही जी लेंगें तन्हा , पर तू साथ हो तो क्या बात हो बहारें - बहारें ही होंगी दिल के चमन में , कुछ भौंरे कलियाँ भी मुस्काती होंगी कुछ फूल पति लगी होगी डाली पे मन की , कुछ चिड़ियाँ घरौंदे बनातीं भी होंगी सुगन्धित , प्रफुल्लित मन होगा मेरा , मुस्काने भी होठों पे आती ही होंगी स्वर्ग सा सुन्दर घर होगा मेरा , खुशियाँ वहाँ मुस्काती भी होंगी हर दिन लगेगा त्यौहार जैसा , जो पायल आँगन में तेरी रूनझुनातीं होंगी मुझको मिल जायेंगे सुख इस जहाँ के सभी , जब संग माँ के बैठ तुम बतियातीं होंगी सच कह रहा हूँ तुम्हारे बिना , न कहीं मेरी ये दुनियाँ मुस्काती होंगी जिस तरहा मिलती हो ख्वाबों में मुझको , जो मिलो तुम हक़ीकत में क्या बात हो मिले ना मिले फिर जहाँ से मुझे कुछ , बस हाथों में मेरे तेरा हाथ हो मैं मानूँगा खुद को बड़ा खुशनसीब , गर नसीबों मेरे तेरा साथ हो कट जायेंगे ये रस्ते सभी ,गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो ...

प्रयास करो ( Prayaas Karo ) | Motivational Poetry in Hindi

प्रयास करो प्रयास करो जब तक हारो लगातार करो बिना लड़े जीत या हार नहीं होती यूँ ही तूफानों से नौका पार नहीं होती नाविक जब हिम्मत लाता हैं नौका तूफा में पार ले जाता हैं चींटी जब जिद पर आती हैं सौ गुना भार ले जाती हैं हठ चींटी सी पाओ तुम अर्जुन का तीर बन जाओ तुम जब तक ना लक्ष्य पाओ तुम हर विराम तज जाओ तुम यूँ न डरकर घने अंधेरों से तुम हिम्मत का त्याग करो प्रयास करो , प्रयास करो जब तक हारो लगातार करो नभ पर सूरज सा चढ़ जाओ तम से किरणों सा लड़ जाओ अपने को तुम पहचानों अब क्षमताओं को अपनी निखारों अब अब पथ पे न पीछे पाँव हटे हो मुश्किल कितनी भी रहो डटे प्रयास करो अब बार-बार एक दिन लक्ष्य को पाओगें पाकर अम्बर पर छाओगें न यूँ हारों से धैर्य खोकर आशाओं का विनाश करो प्रयास करो , प्रयास करो जब तक हारों लगातार करो कवि - महेश "हठधर्मी" प्रिय पाठकों , यदि कविता आपको पसंद आये और आप आगे भी ऐसी कविताएँ पड़ना चाहते हैं तो कृपया हमारे Website को Subscribe करें ताकि कोई भी नयी कविता आने पर आपको तुरंत  Update मिल जाये। प्रयास करो ( Prayaas Karo ) | Motivational P...

भगवा ( Bhagva ) | Hindi poetry

भगवा केवल रंग नहीं हैं ये अभिमान हमारा हैं सदियों से जिसने दिया प्रेम का वो संदेश हमारा है                                              भगवा क्षमाशीलता, प्रेम, बंधुत्व विशाल ह्रदय परिचायक हैं भगवा को अब रंग न कहना भगवा सर्वोच्च गुण अधिनायक है भगवा क्या क्या सिखलाता ये जान अगर तुम जाओगे फिर भगवा केवल रंग न होगा तुम भगवा रंग रंग जाओगे राणा की प्रेरणा भगवा है संकल्प शिवा का भगवा है आजाद हुए हर एक कण में जो लिखा हुआ वो भगवा है जो स्त्री सम्मान करे जो हर धर्म का मान करे जो ह्रदय दया का भाव भरे जो कभी नहीं भेदभाव करे ये सब भगवा ही भगवा है हाँ मेरा तन मन भगवा है हाँ मेरा जीवन भगवा है भगवा के सर्वोच्च गुणों में जो भी रंगा वो भगवा है भगवा का मतलब पहचानों भगवा को रंग ना तुम मानों भगवा संताप मिटाता है "वसुदेव कुटुंबकम" जैसा नारा भगवा ही दे पाता है भगवा केवल हिन्दू  नहीं हैं धर्मं यह पर बिंन्दु नहीं है भगवा की पहचान यहीं करता सद्गुण में...