कट जायेंगे ये रस्ते सभी ,
गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
कुछ मिले ना मिले इस जहां में मुझे ,
मगर मुझकों तो बस तेरा साथ हो
जीने को तो यु ही जी लेंगें तन्हा ,
पर तू साथ हो तो क्या बात हो
बहारें - बहारें ही होंगी दिल के चमन में ,
कुछ भौंरे कलियाँ भी मुस्काती होंगी
कुछ फूल पति लगी होगी डाली पे मन की ,
कुछ चिड़ियाँ घरौंदे बनातीं भी होंगी
सुगन्धित , प्रफुल्लित मन होगा मेरा ,
मुस्काने भी होठों पे आती ही होंगी
स्वर्ग सा सुन्दर घर होगा मेरा ,
खुशियाँ वहाँ मुस्काती भी होंगी
हर दिन लगेगा त्यौहार जैसा ,
जो पायल आँगन में तेरी रूनझुनातीं होंगी
मुझको मिल जायेंगे सुख इस जहाँ के सभी ,
जब संग माँ के बैठ तुम बतियातीं होंगी
सच कह रहा हूँ तुम्हारे बिना ,
न कहीं मेरी ये दुनियाँ मुस्काती होंगी
जिस तरहा मिलती हो ख्वाबों में मुझको ,
जो मिलो तुम हक़ीकत में क्या बात हो
मिले ना मिले फिर जहाँ से मुझे कुछ ,
बस हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
मैं मानूँगा खुद को बड़ा खुशनसीब ,
गर नसीबों मेरे तेरा साथ हो
कट जायेंगे ये रस्ते सभी ,गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
कवि - महेश "हठकर्मी"
प्रिय पाठकों ,
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तेरा साथ हो ( Tera Sath Ho ) | Love Poetry in Hindi कविता में उन सपनों को सजोने की कोशिश की है जो अपनी प्रेमिका के साथ आगामी जीवन के सपने सजा रहा है। और भविष्य में अपनी प्रेमिका के साथ की उम्मीद कर रहा हैं। तेरा साथ हो ( Tera Sath Ho ) | Love Poetry in Hindi कविता पढ़ने के लिए पाठकों का धन्यवाद
गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
कुछ मिले ना मिले इस जहां में मुझे ,
मगर मुझकों तो बस तेरा साथ हो
जीने को तो यु ही जी लेंगें तन्हा ,
पर तू साथ हो तो क्या बात हो
बहारें - बहारें ही होंगी दिल के चमन में ,
कुछ भौंरे कलियाँ भी मुस्काती होंगी
कुछ फूल पति लगी होगी डाली पे मन की ,
कुछ चिड़ियाँ घरौंदे बनातीं भी होंगी
सुगन्धित , प्रफुल्लित मन होगा मेरा ,
मुस्काने भी होठों पे आती ही होंगी
स्वर्ग सा सुन्दर घर होगा मेरा ,
खुशियाँ वहाँ मुस्काती भी होंगी
हर दिन लगेगा त्यौहार जैसा ,
जो पायल आँगन में तेरी रूनझुनातीं होंगी
मुझको मिल जायेंगे सुख इस जहाँ के सभी ,
जब संग माँ के बैठ तुम बतियातीं होंगी
सच कह रहा हूँ तुम्हारे बिना ,
न कहीं मेरी ये दुनियाँ मुस्काती होंगी
जिस तरहा मिलती हो ख्वाबों में मुझको ,
जो मिलो तुम हक़ीकत में क्या बात हो
मिले ना मिले फिर जहाँ से मुझे कुछ ,
बस हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
मैं मानूँगा खुद को बड़ा खुशनसीब ,
गर नसीबों मेरे तेरा साथ हो
कट जायेंगे ये रस्ते सभी ,गर हाथों में मेरे तेरा हाथ हो
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तेरा साथ हो ( Tera Sath Ho ) | Love Poetry in Hindi कविता में उन सपनों को सजोने की कोशिश की है जो अपनी प्रेमिका के साथ आगामी जीवन के सपने सजा रहा है। और भविष्य में अपनी प्रेमिका के साथ की उम्मीद कर रहा हैं। तेरा साथ हो ( Tera Sath Ho ) | Love Poetry in Hindi कविता पढ़ने के लिए पाठकों का धन्यवाद
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