इन गुमनाम राहों से हम भी गुजरे थे कभी
मिला जो गम यकीं नहीं आया
इन खुशनुमा राहों से हम भी गुजरे थे कभी
देखें तो हैं आयने टूटते बहुत
टुटा जो दिल , तो टूटने का दर्द समझ आया अभी
अपने सारे गम दिल में छुपाये जी रहे है
अपने आप को अपने में समाये जी रहें है
न बताया ये किसी को , न बतायेंगे कभी
मिला हैं जो भी इस जहाँ से , न यूँ सरेआम दिखायेंगे कभी
भले वो छोड़ जाये मुझे यूँ ही राहों में भटकने को
लेकिन न उसको हम यूँ भटकायेंगे कभी
हो सकता हैं भुला दे वो मेरी यादों को सहज ही
पर न उसको यूँ आसानी से हम भुला पायेंगे कभी
कवि - महेश "हठकर्मी "
आलम -ए -बेवफाई (aalam-e-bewafaai ) | Sad Poetry in Hindi ग़मगीन प्रेमी के गम की अभिव्यक्ति है। जो प्रेमिका द्वारा भुलाया जा चूका है।
मिला जो गम यकीं नहीं आया
इन खुशनुमा राहों से हम भी गुजरे थे कभी
देखें तो हैं आयने टूटते बहुत
टुटा जो दिल , तो टूटने का दर्द समझ आया अभी
अपने सारे गम दिल में छुपाये जी रहे है
अपने आप को अपने में समाये जी रहें है
न बताया ये किसी को , न बतायेंगे कभी
मिला हैं जो भी इस जहाँ से , न यूँ सरेआम दिखायेंगे कभी
भले वो छोड़ जाये मुझे यूँ ही राहों में भटकने को
लेकिन न उसको हम यूँ भटकायेंगे कभी
हो सकता हैं भुला दे वो मेरी यादों को सहज ही
पर न उसको यूँ आसानी से हम भुला पायेंगे कभी
कवि - महेश "हठकर्मी "
आलम -ए -बेवफाई (aalam-e-bewafaai ) | Sad Poetry in Hindi ग़मगीन प्रेमी के गम की अभिव्यक्ति है। जो प्रेमिका द्वारा भुलाया जा चूका है।
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