मिल गया तुम्हे कोई आज हमसे हसी तो क्या
हम तो तुम्हे अब भी चाह ही रहे है
आये ना आये तुम मिलने को हमसे लेकिन
हम तो अभी भी आ ही रहे है
भुला दोगे चाहे यादों को सारी लेकिन
आँखों में अब भी आ ही रहे है
मिले ना मिले तुमको चैनों सुकून कही
हम तो अभी भी चैन गवा ही रहे है
टूटे दिलो के कतरे जुड़ते नहीं है
फिर भी कोशिशें हम किये जा रहे है
भूल गया तू वो वादे वो यादे शायद
हम तो अभी भी दिल से निभा ही रहे है
मिटा ना सके हम खुद को औ यारा लेकिन
यादों को तेरी भी ना मिटा हम रहे है
हम तो तुम्हे अब भी चाह ही रहे है
आये ना आये तुम मिलने को हमसे लेकिन
हम तो अभी भी आ ही रहे है
भुला दोगे चाहे यादों को सारी लेकिन
आँखों में अब भी आ ही रहे है
मिले ना मिले तुमको चैनों सुकून कही
हम तो अभी भी चैन गवा ही रहे है
टूटे दिलो के कतरे जुड़ते नहीं है
फिर भी कोशिशें हम किये जा रहे है
भूल गया तू वो वादे वो यादे शायद
हम तो अभी भी दिल से निभा ही रहे है
मिटा ना सके हम खुद को औ यारा लेकिन
यादों को तेरी भी ना मिटा हम रहे है
कवि - महेश "हठकर्मी"
meri chaahat (मेरी चाहत ) sad poetry in hindi है इसमे एक प्रेमी ( lover ) के दुख को दर्शाया गया है। ये अद्धुनिक girlfriend boyfriends पर आधारित कविता हैं |
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