एक बेवफा ने मुझको ऐसे भुला दिया
टुटा हो कोई घर उसको जला दिया
जलते हुए घर से लपटें निकल रही
मानो ये आग आज मेरे दिल में लग रही
देखा ना बेवफा ने सबकुछ जला दिया
यादें सब जला दी , सपना जला दिया
दिल का हर इक कोमल भाव जला दिया
वो ख्वाबों का मंडप , महल जला दिया
सिर बचा है पर सेहरा जला दिया
एक बेवफा ने मुझको ऐसे भुला दिया
काँटों से सजी सेज उस पर सुला दिया
काँटे ये सेज के दिल मेरा भेदते
सोचता हूँ आज ये केसा सिला दिया
आँखों से आखरी अश्क तक बहा दिया
मुस्कराते चेहरे पर गम को सजा दिया
एक बेवफा ने मुझको ऐसे भुला दिया
हंसना था हमको संग पर उसने रुला दिया
कवि - महेश "हठकर्मी "
bewafaa (बेवफा कविता ) एक sad poetry in hindi है इसमे lover की बेवफाई को दर्शाने का प्रयास किया गया है। इसे पढ़े और यदि आपको पसंद आये तो कवि का उत्साहवर्धन करें।
टुटा हो कोई घर उसको जला दिया
जलते हुए घर से लपटें निकल रही
मानो ये आग आज मेरे दिल में लग रही
देखा ना बेवफा ने सबकुछ जला दिया
यादें सब जला दी , सपना जला दिया
दिल का हर इक कोमल भाव जला दिया
वो ख्वाबों का मंडप , महल जला दिया
सिर बचा है पर सेहरा जला दिया
एक बेवफा ने मुझको ऐसे भुला दिया
काँटों से सजी सेज उस पर सुला दिया
काँटे ये सेज के दिल मेरा भेदते
सोचता हूँ आज ये केसा सिला दिया
आँखों से आखरी अश्क तक बहा दिया
मुस्कराते चेहरे पर गम को सजा दिया
एक बेवफा ने मुझको ऐसे भुला दिया
हंसना था हमको संग पर उसने रुला दिया
कवि - महेश "हठकर्मी "
bewafaa (बेवफा कविता ) एक sad poetry in hindi है इसमे lover की बेवफाई को दर्शाने का प्रयास किया गया है। इसे पढ़े और यदि आपको पसंद आये तो कवि का उत्साहवर्धन करें।
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