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प्रयास करो ( Prayaas Karo ) | Motivational Poetry in Hindi

प्रयास करो प्रयास करो
जब तक हारो लगातार करो
बिना लड़े जीत या हार नहीं होती
यूँ ही तूफानों से नौका पार नहीं होती

नाविक जब हिम्मत लाता हैं
नौका तूफा में पार ले जाता हैं
चींटी जब जिद पर आती हैं
सौ गुना भार ले जाती हैं

हठ चींटी सी पाओ तुम
अर्जुन का तीर बन जाओ तुम
जब तक ना लक्ष्य पाओ तुम
हर विराम तज जाओ तुम

यूँ न डरकर घने अंधेरों से
तुम हिम्मत का त्याग करो
प्रयास करो , प्रयास करो
जब तक हारो लगातार करो

नभ पर सूरज सा चढ़ जाओ
तम से किरणों सा लड़ जाओ
अपने को तुम पहचानों अब
क्षमताओं को अपनी निखारों अब

अब पथ पे न पीछे पाँव हटे
हो मुश्किल कितनी भी रहो डटे
प्रयास करो अब बार-बार
एक दिन लक्ष्य को पाओगें

पाकर अम्बर पर छाओगें
न यूँ हारों से धैर्य खोकर
आशाओं का विनाश करो
प्रयास करो , प्रयास करो
जब तक हारों लगातार करो

कवि - महेश "हठधर्मी"

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प्रयास करो ( Prayaas Karo ) | Motivational Poetry in Hindi कविता एक Motivational Poem  है जो व्यक्ति को निरंतर संघर्ष की शिक्षा देती हैं। निरंतर संघर्ष ही सफलता का मूलमंत्र है यहीं परिलक्षित करना कवि और कविता का उद्देश्य हैं। प्रयास करो ( Prayaas Karo ) | Motivational Poetry in Hindi कविता के पाठन के लिए धन्यवाद्

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