हो भले आँखों में आँसू , मुस्काना पड़ेगा
निभा रहे हैं ये रिवाज दुनियाँ में सभी
आपको को भी अब इसे निभाना पड़ेगा
फूलों कभी सूलों को गले लगाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
सहकर हर इक गम मुस्काना पड़ेगा
अब होठों पर हँसी को भी सजाना पड़ेगा
और बना के धुंआ गम को उड़ाना पड़ेगा
हो डगर किसी भी चलके जाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
किया जो प्रेम तो , प्रेम निभाना पड़ेगा
अब चाहे मिले खुशियाँ या चाहे मिले गम
हर हाल में लेकिन मुस्काना पड़ेगा
पाना अगर है प्रेम तो मिट जाना पड़ेगा
खुश हो न हो खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
आएँगी विपत्तियां प्रेमराह में घनघोर
जुटा के साहस इनसे भी टकराना पड़ेगा
सुध-बुध को इस जहाँ की भुलाना पड़ेगा
खुद को मीरा सा दीवाना बनाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
कवि - महेश "हठकर्मी"
निभा रहे हैं ये रिवाज दुनियाँ में सभी
आपको को भी अब इसे निभाना पड़ेगा
फूलों कभी सूलों को गले लगाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
सहकर हर इक गम मुस्काना पड़ेगा
अब होठों पर हँसी को भी सजाना पड़ेगा
और बना के धुंआ गम को उड़ाना पड़ेगा
हो डगर किसी भी चलके जाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
किया जो प्रेम तो , प्रेम निभाना पड़ेगा
अब चाहे मिले खुशियाँ या चाहे मिले गम
हर हाल में लेकिन मुस्काना पड़ेगा
पाना अगर है प्रेम तो मिट जाना पड़ेगा
खुश हो न हो खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
आएँगी विपत्तियां प्रेमराह में घनघोर
जुटा के साहस इनसे भी टकराना पड़ेगा
सुध-बुध को इस जहाँ की भुलाना पड़ेगा
खुद को मीरा सा दीवाना बनाना पड़ेगा
खुश हो न हो , खुद को खुश दिखाना पड़ेगा
कवि - महेश "हठकर्मी"
खुश हो न हो | Sad poetry in Hindi खुशी, गम, प्रेम और जीवन के उतार चढ़ाव की कविता हैं। कविता खुश हो न हो | Sad poetry in Hindi को पढ़ कर कवि को अनुगृहीत करें। हम आपके सहयोग के लिए आभारी
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