एक हसीना से ,आज रास्ते में मुलाकात हो गई
जो नही होना था, यारों वही बात हो गई
अँखियों से लड़ गई अँखियाँ हम खो बैठे थे चेना
इतने में यारों बरसात हो गई ,वो इतराई ,वो मुस्कराई
लगा आज तो सारी हदे पार हो गई
एक हसीना से ,आज रास्ते में मुलाकात हो गई
वो प्रेम की जैसे अलग छटा ,छाई मानो जैसे मुझपे घटा
इस घटा से प्रेम बरसात हो गई
केश थे उसके घुंघराले ,लगते थे घटा से भी काले
थी तन पर सारे योवन डाले
नजरें जो उठी उसकी तो कत्लेआम कर गई
एक हसीना से, आज रास् में मुलाकात हो गई
थे होठ या उसके मधुशाला ,लगते थे सुमधुर मयप्याला
रूप था उसका मतवाला ,दिल घायल उसने कर डाला
देखा जो तिरछी आँखों से कमाल कर गई
आँखों ही आँखों में सारी बात कर गई
एक हसीना से ,आज रास्ते में मुलाकात हो गई
Poet - Mahesh Kumar Meena
Mahesh Kumar Meena mkmeena@iiserb.ac.in
जो नही होना था, यारों वही बात हो गई
अँखियों से लड़ गई अँखियाँ हम खो बैठे थे चेना
इतने में यारों बरसात हो गई ,वो इतराई ,वो मुस्कराई
लगा आज तो सारी हदे पार हो गई
एक हसीना से ,आज रास्ते में मुलाकात हो गई
वो प्रेम की जैसे अलग छटा ,छाई मानो जैसे मुझपे घटा
इस घटा से प्रेम बरसात हो गई
केश थे उसके घुंघराले ,लगते थे घटा से भी काले
थी तन पर सारे योवन डाले
नजरें जो उठी उसकी तो कत्लेआम कर गई
एक हसीना से, आज रास् में मुलाकात हो गई
थे होठ या उसके मधुशाला ,लगते थे सुमधुर मयप्याला
रूप था उसका मतवाला ,दिल घायल उसने कर डाला
देखा जो तिरछी आँखों से कमाल कर गई
आँखों ही आँखों में सारी बात कर गई
एक हसीना से ,आज रास्ते में मुलाकात हो गई
Poet - Mahesh Kumar Meena
Mahesh Kumar Meena mkmeena@iiserb.ac.in
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